दगाबाज की कहानी।।✍️ सुब्रत राय के बेटे और उनके अभिन्न सहयोगी अमिताभ बच्चन के जीवन में एक समय ऐसा आया जब वह आर्थिक दृष्टि से संकट में थे उनकी कंपनी ABCL दिवालिया हो गई थी।

जिसके कारण अमिताभ बच्चन के ऊपर भी दिवालिया होने का खतरा था।

अमिताभ बच्चन को आर्थिक संकट से निकला था सहाराश्री सुब्रत राय ने और कंपनी को
दिवालियापन से बचाया था अमरसिंह ने।

पहले अमर सिंह बीमार हुए और एकदम अकेले रह गए अमिताभ बच्चन ने मुड़कर उनकी तरफ ना देखा ना एहसान माना ना अंत्येष्टि में गए।

और अब सहारा श्री कई महीनो से बीमार थे और आर्थिक संकट में भी थे अमिताभ बच्चन ने ना उनकी तरफ देखा ना एहसान माना ना अंत्येष्टि में गए।

इसलिए बुजुर्गों ने ठीक ही समझाया है कि हमेशा दोस्ती और मदद देखकर करनी चाहिए, क्योंकि
जिनकी रगों में मिश्रित खून होता है धोखेबाजी उनकी पहली पहचान होती है

जिस व्यक्ति के लिए पैसा ही सब कुछ हो वह व्यक्ति जरा सा सशक्त होते ही
आपको न सिर्फ भूल जाएगा बल्कि धोखा भी दे सकता है
ये धनपशु न धर्म का हुआ.. न दोस्त का B भारत न्यूज से रुद्राक्ष की रिपोर्ट।

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